छात्र संघ
महाविद्यालय में सह- शैक्षणिक कार्यकलापों में विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी तथा आत्म निर्भरता और सहयोग की भावना एवं अनुशासन के विकास के लिए छात्र संघ की व्यवस्था है । छात्र संघ का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक प्रवृत्तियों एवं ललित कलाओं का विकास , विद्यार्थियों में समाज सेवा की भावना , भाषण कला व नेतृत्व के गुणों आदि का विकास करना है । आशा है कि छात्र संघ की कार्यवाहियों में रचनात्मक भाग लेकर विद्यार्थी अपने व्यक्तिव का विकास करेंगे । छात्र संघ का गठन समिति द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा किया जायेगा । यदि प्राचार्य या अनुभव करें कि छात्र संघ ठीक से कार्य नहीं कर रहा है तो उन्हे अधिकार होगा कि छात्र संघ को एक आदेश जारी कर भंग कर दें । निर्वाचन हत्तु सरकार के आदेश प्रभावी होंगे । छात्र संघ के लल्यापान में भी अनेक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है ।विभिन्न परिषदें
नियमित विद्यार्थी अपने विषय संकाय रुचि के अनुसार निम्न परिषदों के माध्यम से आयोजित होने वाली गतिविधियों में भाग ले सकेंगे- समाज विज्ञान परिषद एवं साहित्य परिषद् ( कला संकाय के विद्यार्थियों के लिये )
- वाणिज्य परिषद ( वाणिज्य संकाय विद्याथियों के लिय )
- योजना मंच - विद्यार्थियों को आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ आर अद्यतन सूचनाओं के अवगत कराने तथा सर्वेक्षणा कार्या से रूबरू कराने के जश्य से महाविद्यालय में योजना मंच का गठन किया जाता हैं कला संकाय में अर्थशास्त्र विधाय तथा वाणिज्य संकाय के विद्यार्थी इसकी गतिविधयों में भाग ले सकेंगे । 4. सांस्कृतिक परिषद सभी संकायों के सभी विद्यार्थी भाग ले सकेंगे ।
- महिला प्रकोष्ठ ( केवल छात्राओं हेतु छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु गतिविधियों का आयोजन